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डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती 2025: जानिए 14 अप्रैल को क्यों खास माना जाता है यह दिन

Jyoti
Jyoti  @jy0384748
Created At - 2025-04-13

अंबेडकर जयंती 2025: जानिए क्यों खास है 14 अप्रैल

Ambedkar Jayanti 2025 Date:
हर साल 14 अप्रैल को डॉ. भीमराव अंबेडकर (Bhimrao Ramji Ambedkar) की जयंती पूरे देश में श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई जाती है। इस दिन को 'भीम जयंती' (Bhim Jayanti) के नाम से भी जाना जाता है। डॉ. अंबेडकर को ‘भारतीय संविधान के जनक’ के रूप में जाना जाता है।

1891 में जन्मे डॉ. अंबेडकर केवल संविधान निर्माता ही नहीं, बल्कि स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री, एक महान न्यायविद, अर्थशास्त्री और समाज सुधारक भी थे।


135वीं जयंती: 14 अप्रैल 2025 को सार्वजनिक अवकाश

साल 2025 में डॉ. अंबेडकर की 135वीं जयंती मनाई जाएगी। इस दिन भारत में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। देशभर में रैलियां, सांस्कृतिक कार्यक्रम, संगोष्ठियां और श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित की जाती हैं। स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी संस्थानों में उनके विचारों पर चर्चा होती है, और उनकी मूर्तियों पर माल्यार्पण किया जाता है।


अंबेडकर जयंती का इतिहास (Ambedkar Jayanti History)

अंबेडकर जयंती पहली बार 14 अप्रैल 1928 को पुणे में मनाई गई थी। इसकी शुरुआत सामाजिक कार्यकर्ता जनार्दन सदाशिव रणपिसे (Janardan Sadashiv Ranapisay) ने की थी।
तब से यह परंपरा निरंतर जारी है और अब यह जयंती भारत ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के भारतीय समुदायों द्वारा भी मनाई जाती है।


अंबेडकर जयंती का महत्व (Ambedkar Jayanti Significance)

इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य समानता, भाईचारे और सामाजिक न्याय के मूल्यों को फैलाना है।
डॉ. अंबेडकर ने भारतीय संविधान में समानता और न्याय की अवधारणाओं को स्थापित किया। उन्होंने महिलाओं, दलितों और पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए अहम भूमिका निभाई।

उनका प्रसिद्ध संदेश –
"शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो"
आज भी लोगों को प्रेरणा देता है और सामाजिक बदलाव के लिए प्रेरित करता है।

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