आजकल स्वस्थ जीवनशैली को बनाए रखने के लिए लोग विटामिन्स, मिनरल्स और अन्य तरह के सप्लीमेंट्स का सहारा लेने लगे हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि अगर इन्हें गलत समय पर लिया जाए, तो शरीर को फायदा मिलने की बजाय हानि भी हो सकती है?
डायटीशियन्स और न्यूट्रिशन एक्सपर्ट्स के अनुसार, हर सप्लीमेंट को लेने का एक उचित समय और तरीका होता है, ताकि उसका असर शरीर में सही तरीके से हो सके।
विटामिन D हड्डियों और इम्यून सिस्टम के लिए बहुत जरूरी है। चूंकि यह फैट-सॉल्युबल विटामिन है, इसलिए इसे नाश्ते में थोड़ी फैट वाली चीज़ों (जैसे घी, अंडा या दूध) के साथ लेना ज्यादा असरदार होता है।खाली पेट लेने से इसका असर कम हो सकता है।नाश्ते के बाद लेने से शरीर इसे अच्छे से अवशोषित करता है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड (जैसे फिश ऑयल कैप्सूल) शरीर में सूजन कम करने, दिल की सेहत सुधारने और दिमाग को तेज करने में मदद करता है। लंच या डिनर के बाद लेने से इसका अब्ज़ॉर्प्शन बेहतर होता है, खासकर जब खाने में कुछ फैट हो।खाली पेट लेने से गैस या अपच की समस्या हो सकती है।
विटामिन B12 शरीर के एनर्जी लेवल को बनाए रखने और मेटाबॉलिज्म सुधारने में सहायक है, जबकि विटामिन C इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और त्वचा के लिए भी जरूरी है।इन्हें खाने से पहले, खासकर सुबह खाली पेट लिया जा सकता है।ये दोनों वॉटर-सॉल्युबल होते हैं, इसलिए शरीर में जल्दी घुल जाते हैं।
मैग्नीशियम स्ट्रेस कम करने, मांसपेशियों को रिलैक्स करने और अच्छी नींद के लिए जाना जाता है। इसे सोने से लगभग 1 घंटे पहले लिया जाए तो नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है।इससे शरीर शांत और तनावमुक्त महसूस करता है।
बिना डॉक्टर की सलाह के अधिक मात्रा में लेना।सभी सप्लीमेंट्स को एकसाथ खाना – इससे कुछ पोषक तत्व एक-दूसरे के असर को कम कर सकते हैं।खाली पेट फैट-सॉल्युबल सप्लीमेंट लेना – इससे पोषण ठीक से अवशोषित नहीं होता।