चेस्ट इंफेक्शन एक सामान्य समस्या हो सकती है, लेकिन कुछ मामलों में यह जानलेवा भी साबित हो सकती है। यह आमतौर पर वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होता है। समय पर इलाज न होने पर यह निमोनिया या ब्रोंकाइटिस जैसी गंभीर बीमारियों का रूप ले सकता है। खासकर बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों के लिए यह अधिक खतरनाक होता है।
लंबे समय तक सूखी या बलगम वाली खांसी चेस्ट इंफेक्शन का पहला लक्षण हो सकता है। बलगम का रंग पीला, हरा या कभी-कभी खून से सना हो सकता है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
इंफेक्शन के कारण फेफड़ों में सूजन आ जाती है, जिससे सीने में दर्द या भारीपन महसूस होता है। यह दर्द खासतौर पर खांसने या गहरी सांस लेने के दौरान होता है और पसलियों तक फैल सकता है।
फेफड़ों की कार्यक्षमता प्रभावित होने के कारण सांस फूलने की समस्या होती है, खासतौर पर हल्की एक्टिविटी करने पर भी व्यक्ति थक जाता है।
बैक्टीरियल इंफेक्शन होने पर मरीज को तेज बुखार, कंपकंपी और पसीना आने जैसे लक्षण दिख सकते हैं। यह संक्रमण तेजी से फैलता है, इसलिए लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क करें।
चेस्ट इंफेक्शन शरीर की ऊर्जा को तेजी से खत्म करता है, जिससे मरीज को हर समय थकान और कमजोरी महसूस होती है। नींद भी प्रभावित हो सकती है।