तेल हमारी रसोई का एक अहम हिस्सा है। चाहे वो तड़का लगाना हो या डीप फ्राई, तेल के बिना खाना अधूरा लगता है। लेकिन जब बात सेहत की आती है, तो अक्सर ये सवाल उठता है – कोल्ड प्रेस्ड ऑयल और रिफाइंड ऑयल में से कौन सा ज़्यादा फायदेमंद है? इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे दोनों प्रकार के तेलों में क्या फर्क है, उनके फायदे-नुकसान क्या हैं, और आपको कौन-सा तेल चुनना चाहिए।
कोल्ड प्रेस्ड ऑयल पारंपरिक विधि से निकाला जाता है, जिसमें बीजों या मेवों को बिना गर्म किए दबाव से तेल निकाला जाता है। इस प्रक्रिया में तेल को 40°C से कम तापमान पर निकाला जाता है, जिससे इसमें मौजूद प्राकृतिक पोषक तत्व, एंटीऑक्सीडेंट, और विटामिन्स बरकरार रहते हैं।
उदाहरण: नारियल का तेल, तिल का तेल, मूंगफली का तेल, सरसों का तेल (cold-pressed)
रिफाइंड ऑयल आधुनिक मशीनों से और केमिकल प्रोसेस के जरिए तैयार किया जाता है। इसमें तेल को पहले हाई टेम्परेचर पर एक्सट्रैक्ट किया जाता है और फिर अलग-अलग केमिकल्स से उसे साफ़ और गंधहीन किया जाता है। यह देखने में साफ और हल्का होता है, लेकिन इसमें प्राकृतिक पोषक तत्व लगभग खत्म हो जाते हैं।
उदाहरण: सनफ्लावर ऑयल, सोयाबीन ऑयल, कैनोला ऑयल, पाम ऑयल (refined)
पहलू | कोल्ड प्रेस्ड ऑयल | रिफाइंड ऑयल |
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प्रोसेसिंग | पारंपरिक, बिना हीट और केमिकल के | हाई टेम्परेचर और केमिकल से प्रोसेस |
स्वाद और सुगंध | प्राकृतिक स्वाद और खुशबू | स्वाद और गंध हटाई जाती है |
पोषण | विटामिन्स, एंटीऑक्सीडेंट्स और गुड फैट्स भरपूर | पोषक तत्वों में कमी |
सेहत पर असर | दिल के लिए अच्छा, डाइजेशन में मददगार | लंबे समय तक सेवन से हार्ट और लीवर पर असर |
शेल्फ लाइफ | कम | ज़्यादा |
कीमत | थोड़ी महंगी | सस्ती |
दिल की सेहत सुधारे – इसमें मौजूद गुड फैट्स कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित रखते हैं।
एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर – यह शरीर में फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करता है।
डाइजेशन फ्रेंडली – यह पाचन को दुरुस्त रखने में सहायक होता है।
त्वचा और बालों के लिए बेहतरीन – कोल्ड प्रेस्ड नारियल या तिल का तेल स्किन और हेयर के लिए बहुत लाभकारी होता है।
इम्यूनिटी बूस्ट करता है – प्राकृतिक तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।
लंबे समय तक उपयोग करने से हार्ट डिजीज़, मोटापा और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
केमिकल प्रोसेसिंग की वजह से यह शरीर के लिए नैचुरल नहीं होता।
खाना पकाने में बार-बार इस्तेमाल करने से यह ट्रांस फैट्स में बदल सकता है, जो बहुत हानिकारक होते हैं।
अगर आप धीमी आंच पर खाना बनाते हैं (जैसे सब्ज़ियां भूनना या तड़का लगाना), तो कोल्ड प्रेस्ड ऑयल बढ़िया विकल्प है।
अगर आपको डीप फ्राई करना हो, तो कोल्ड प्रेस्ड तेल को इस्तेमाल करने से पहले उसका स्मोक पॉइंट देखना जरूरी है। रिफाइंड ऑयल का स्मोक पॉइंट ज़्यादा होता है, लेकिन हेल्थ के लिहाज़ से वो ज़्यादा उपयुक्त नहीं है।