नई दिल्ली: केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवान मुनीर अहमद को एक पाकिस्तानी महिला से शादी करने के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया है, लेकिन उन्होंने इस फैसले को चुनौती देने की ठान ली है। उनका दावा है कि उन्होंने इस शादी की जानकारी समय रहते विभाग को दी थी और सभी ज़रूरी औपचारिकताएं पूरी की थीं।
मुनीर अहमद ने कहा, “मैंने 31 दिसंबर 2022 को पहली बार CRPF हेडक्वार्टर को पत्र लिखकर अपनी शादी की मंशा जताई थी। इसके बाद मुझे पासपोर्ट की कॉपी, शादी का कार्ड, और शपथ पत्र जैसे दस्तावेज़ मांगे गए, जिन्हें मैंने तय प्रक्रिया के तहत जमा किया। अंततः मुझे 30 अप्रैल 2024 को हेडक्वार्टर से औपचारिक अनुमति मिल गई।”
अहमद ने यह भी बताया कि उनकी शादी 24 मई 2023 को ऑनलाइन वीडियो कॉल के ज़रिए हुई थी। शादी के दस्तावेज़, निकाहनामे और फोटो उन्होंने अपनी पोस्टिंग यूनिट को जमा कराए थे।
हालांकि CRPF की आंतरिक जांच में पाया गया कि उन्होंने न केवल अपनी शादी की जानकारी छिपाई, बल्कि यह भी नहीं बताया कि उनकी पत्नी ने वीज़ा अवधि से अधिक समय तक भारत में प्रवास किया। इसी आधार पर उन्हें नियमों के तहत बिना औपचारिक जांच के संवेदनशील मामले के रूप में सेवा से तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया।
CRPF प्रवक्ता डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल एम धिनाकरण के अनुसार, “मुनीर अहमद को एक पाकिस्तानी नागरिक से शादी छिपाने और वीज़ा समाप्ति के बाद भी उसे अपने पास रखने के आरोप में बर्खास्त किया गया है। यह कृत्य सेवा शिष्टाचार का उल्लंघन है और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है।”
अहमद का कहना है कि उन्होंने सरकार से NOC (No Objection Certificate) के लिए आवेदन भी किया था, लेकिन बताया गया कि ऐसा कोई प्रावधान मौजूद नहीं है। “हमने मार्च में ही लॉन्ग टर्म वीज़ा के लिए अप्लाई कर दिया था और इंटरव्यू समेत सभी औपचारिकताएं पूरी की थीं,” उन्होंने बताया।
मुनीर अहमद को विश्वास है कि अदालत से उन्हें न्याय मिलेगा। उनका कहना है कि उन्होंने न केवल सभी प्रक्रियाएं पूरी की थीं बल्कि नई पोस्टिंग पर भी समय से पहुंचे और अधिकारियों को शादी की जानकारी लिखित में दी।