सौंफ में प्राकृतिक डाययूरेटिक (मूत्रवर्धक) गुण होते हैं, जो शरीर से विषैले पदार्थों को मूत्र के ज़रिए बाहर निकालने में मदद करते हैं। इससे किडनी की सफाई होती है और उसके कार्य बेहतर होते हैं।
किडनी में सूजन की समस्या क्रॉनिक किडनी डिजीज या इंफेक्शन के कारण हो सकती है। सौंफ में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व इस सूजन को कम करने में सहायक होते हैं।
पोटैशियम से भरपूर होने के कारण सौंफ का सेवन ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखने में मदद करता है। हाई बीपी किडनी डैमेज का एक मुख्य कारण होता है।
जब पाचन सही होता है, तो शरीर से अपशिष्ट भी सही तरीके से बाहर निकलता है। इससे किडनी पर दबाव नहीं पड़ता। सौंफ पाचन क्रिया को तेज करता है और गैस, अपच आदि से राहत दिलाता है।
सौंफ का पानी पीने से शरीर में तरल पदार्थ का संतुलन बना रहता है, जो किडनी की अच्छी सेहत के लिए जरूरी है।
रात को 1 चम्मच सौंफ एक गिलास पानी में भिगो दें।
सुबह उठकर इस पानी को छानकर खाली पेट पी लें।
यह शरीर को डिटॉक्स करता है और किडनी की सफाई में मदद करता है।
चम्मच सौंफ को थोड़ा सा कूट लें।
एक कप पानी में उबालें और 5–10 मिनट ढक कर रखें।
छानकर गर्म-गर्म पिएं।
इसमें चाहें तो शहद भी मिला सकते हैं।
सूखी सौंफ को हल्का भूनकर पीस लें।
रोजाना 1/2 चम्मच पाउडर दही या छाछ में मिलाकर लें।