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Good Friday 2025: शोक का दिन, फिर भी क्यों कहा जाता है 'गुड'?

Jyoti
Jyoti  @jy0384748
Created At - 2025-04-17

दुख और शोक का दिन है Good Friday, जानें फिर भी क्यों कहलाता है यह ‘गुड?’

हर साल यीशु मसीह के बलिदान को याद करने और उनकी मौत का शोक मनाने के लिए गुड फ्राइडे मनाया जाता है। इस दिन का ईसाई धर्म में अत्यधिक धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व होता है।


क्यों शोक का दिन है गुड फ्राइडे

गुड फ्राइडे (Good Friday 2025) ईसाई धर्म के अनुयायियों के लिए एक बहुत ही अहम दिन होता है। अपने नाम के विपरीत यह दिन खुशी का नहीं, बल्कि दुख और शोक का प्रतीक होता है। इस दिन यीशु मसीह ने मानवता की मुक्ति और पापों से छुटकारा दिलाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी।


क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे?

गुड फ्राइडे को हर साल ईसा मसीह के बलिदान की स्मृति में मनाया जाता है। इतिहास के अनुसार, यीशु मसीह को शुक्रवार के दिन सूली पर चढ़ाया गया था। इस दिन को यीशु की पीड़ा, बलिदान और प्रेम को याद करने के लिए विशेष रूप से चिन्हित किया गया है।


क्यों कहलाता है यह ‘गुड’ फ्राइडे?

यह स्वाभाविक सवाल उठता है कि जब यह दिन शोक और दुख का है तो इसे ‘गुड’ यानी अच्छा क्यों कहा जाता है?
इसका उत्तर धार्मिक मान्यता में छिपा है। ईसाइयों का मानना है कि यीशु का बलिदान मानवता के पापों के प्रायश्चित के रूप में हुआ था, और उनका यह त्याग मुक्ति और पुनरुत्थान की राह खोलता है। यही कारण है कि इसे एक पवित्र और 'गुड' दिन माना जाता है।

एक अन्य सिद्धांत के अनुसार "गुड" शब्द पुरानी अंग्रेजी के शब्द “गॉड” से आया है, जिसका अर्थ पवित्र होता है। इस आधार पर भी इसे पवित्र शुक्रवार (Holy Friday) माना जाता है।


कैसे मनाया जाता है गुड फ्राइडे?

गुड फ्राइडे को ईसाई समुदाय में तपस्या, उपवास और प्रार्थना के दिन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन चर्चों में विशेष सेवाएं आयोजित की जाती हैं।
इन सेवाओं में यीशु मसीह के सूली पर चढ़ने की घटनाओं का पाठ, भजन, और प्रार्थनाएं होती हैं।
ईसाई धर्म के अनुयायी इस दिन मांसाहार से परहेज करते हैं और कई लोग उपवास भी रखते हैं। कई स्थानों पर 'पैशन ऑफ क्राइस्ट' यानी उनके जीवन के अंतिम क्षणों का पाठ भी किया जाता है।

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