KhabriKida Logo

Grahan in march 2025: 14 मार्च 2025 होली पर चंद्र ग्रहण जाने समय, सूतक काल और खास संयोग जानें

Jyoti
Jyoti  @jy0384748
Created At - 2025-03-13

मार्च 2025 का पहला चंद्र ग्रहण: जानें समय, प्रभाव और सावधानियां

मार्च 2025 में होली के शुभ अवसर पर एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना घटित होगी—चंद्र ग्रहण। यह दिन धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ खगोल विज्ञान के लिए भी विशेष रहेगा। होली के दिन चंद्र ग्रहण का संयोग दुर्लभ माना जाता है, जिससे यह घटना और भी खास बन जाती है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि यह ग्रहण कब और कहां दिखाई देगा, इसका सूतक काल रहेगा या नहीं, और इससे जुड़ी सेहत संबंधी सावधानियां क्या हैं।


मार्च 2025 चंद्र ग्रहण की तिथि और समय

चंद्र ग्रहण कब होगा?
मार्च 2025 का पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण 14 मार्च को होगा। इस दौरान चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया में आ जाएगा।

ग्रहण का समय (Chandra Grahan Timing)

  • शुरुआत: 14 मार्च 2025, सुबह 10:39:03 बजे
  • समाप्ति: 14 मार्च 2025, दोपहर 02:18:02 बजे

क्या यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा?

यह ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं होगा, लेकिन उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में इसे साफ देखा जा सकेगा। चूंकि भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।


भारत में सूतक काल रहेगा या नहीं?

सूतक काल तब लागू होता है जब ग्रहण भारत में दिखाई देता है। लेकिन चूंकि यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा। इसका अर्थ यह है कि होली का उत्सव बिना किसी धार्मिक प्रतिबंध के मनाया जा सकता है।


चंद्र ग्रहण से जुड़ी धार्मिक मान्यताएं

भारत में चंद्र ग्रहण को धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार:

  • ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ और भोजन से बचने की सलाह दी जाती है।
  • ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान और शुद्धिकरण करना शुभ माना जाता है।
  • मंत्र जाप और ध्यान करने से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।

ग्रहण के दौरान स्वास्थ्य से जुड़ी सावधानियां

चंद्र ग्रहण से जुड़ी कुछ वैज्ञानिक और पारंपरिक सावधानियां इस प्रकार हैं:

1. गर्भवती महिलाओं के लिए सलाह

गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान घर के अंदर रहने और भारी काम करने से बचने की सलाह दी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण की किरणें गर्भस्थ शिशु पर प्रभाव डाल सकती हैं।

2. आंखों की सुरक्षा

यद्यपि चंद्र ग्रहण सूर्य ग्रहण की तरह हानिकारक नहीं होता, फिर भी इसे टेलीस्कोप या अन्य सुरक्षित साधनों से देखना बेहतर होता है।

3. भोजन और पानी का सेवन

कुछ मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण के दौरान भोजन और पानी का सेवन करने से बचना चाहिए, क्योंकि इस समय बैक्टीरिया की वृद्धि हो सकती है। हालांकि, यह वैज्ञानिक रूप से पूरी तरह प्रमाणित नहीं है।

4. स्नान और शुद्धिकरण

ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करना और घर की सफाई करना शुभ माना जाता है। यह धार्मिक और मानसिक शुद्धि का प्रतीक होता है।

5. ध्यान और योग का महत्व

ग्रहण के दौरान ध्यान और योग करने से मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।


चंद्र ग्रहण कैसे और क्यों लगता है?

चंद्र ग्रहण एक प्राकृतिक खगोलीय घटना है, जो तब होती है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक सीध में आ जाते हैं। इस स्थिति में सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर पड़ता है, लेकिन चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाता, जिससे चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया में आ जाता है। इस घटना को पूर्ण चंद्र ग्रहण कहा जाता है।

Share

‌

  • ‌

    ‌
    ‌

    ‌

    ‌
  • ‌

    ‌
    ‌

    ‌

    ‌
  • ‌

    ‌
    ‌

    ‌

    ‌
  • ‌

    ‌
    ‌

    ‌

    ‌
  • ‌

    ‌
    ‌

    ‌

    ‌
  • ‌

    ‌
    ‌

    ‌

    ‌
  • ‌

    ‌
    ‌

    ‌

    ‌
  • ‌

    ‌
    ‌

    ‌

    ‌
  • ‌

    ‌
    ‌

    ‌

    ‌