हीट वेव एक ऐसी स्थिति है जब मौसम सामान्य से बहुत अधिक गर्म हो जाता है, और लगातार कई दिनों तक तापमान सामान्य से ज्यादा बना रहता है। जब अधिकतम तापमान सामान्य से 4.5°C से 6.4°C अधिक होता है, तब उसे "हीट वेव" कहा जाता है। यदि यह अंतर 6.4°C से अधिक हो जाए, तो "सीवियर हीट वेव" की स्थिति बनती है।दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार आदि राज्यों में हर साल मई-जून के महीनों में हीट वेव का प्रकोप अधिक होता है।
हीट वेव के कारण शरीर की प्राकृतिक ठंडा रखने की प्रणाली (जैसे पसीना आना) प्रभावित हो जाती है। इससे डिहाइड्रेशन, थकावट, हीट एग्जॉशन और गंभीर मामलों में हीट स्ट्रोक जैसी जानलेवा स्थिति बन सकती है।
पानी खूब पिएं, भले ही प्यास न लगी हो।ORS, नींबू पानी, नारियल पानी, छाछ, जलजीरा जैसे पेय शरीर को ठंडा और हाइड्रेटेड रखते हैं।शराब, चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक से बचें क्योंकि ये शरीर को डिहाइड्रेट कर सकते हैं।
दोपहर 12 से 3 बजे के बीच धूप में बाहर न जाएं। यह समय सबसे ज्यादा गर्म होता है।अगर बाहर जाना जरूरी हो तो:छाता या टोपी जरूर पहनें।धूप से बचने के लिए सनग्लासेस और सनस्क्रीन लगाएं।हल्के रंग के, ढीले और सूती कपड़े पहनें जो शरीर को सांस लेने दें।
दोपहर में खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें ताकि गर्म हवा अंदर न आए।खिड़कियों पर मोटे पर्दे या ब्लाइंड लगाएं।रात में खिड़कियां खोलें ताकि ठंडी हवा अंदर आए।पंखे, कूलर या एयर कंडीशनर का उपयोग करें, लेकिन शरीर को बहुत ज्यादा ठंडा न करें
हल्का और सुपाच्य भोजन खाएं।मसालेदार, तला हुआ और बासी खाना खाने से बचें।हाई प्रोटीन फूड्स (जैसे मांस, अंडे, सोया आदि) कम मात्रा में लें क्योंकि इनसे शरीर में गर्मी बढ़ सकती है।
इनकी प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, इसलिए इन्हें धूप और गर्मी से बचाकर रखें।लगातार पानी पिलाते रहें।किसी भी असामान्य लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।गाड़ी में किसी को भी अकेला न छोड़ें, खासकर बच्चे या पालतू जानवर — गाड़ी का तापमान तेजी से बढ़ सकता है।
हीट स्ट्रोक एक गंभीर स्थिति है और इसके लक्षणों को जानना जरूरी है:अत्यधिक तेज बुखार (40°C से ज्यादा)सिर दर्द, चक्कर आना, उल्टीत्वचा का लाल, गर्म और सूखा हो जानाअत्यधिक कमजोरी या बेहोशीतुरंत व्यक्ति को छाया या ठंडी जगह में ले जाएं।ठंडे पानी से कपड़े भिगोकर शरीर पर लगाएं।व्यक्ति को पानी या ORS पिलाएं (अगर वह होश में है)।यदि स्थिति गंभीर है, तो तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराएं।
हीट वेव के मौसम में सावधानी बरतें।स्कूल, कॉलेज, दफ्तर आदि में हीट से बचाव की व्यवस्था होनी चाहिए।सामुदायिक ठंडी जगहें (cooling centers) बनानी चाहिए जहां लोग जाकर आराम कर सकें।IMD की भूमिका:मौसम विभाग समय-समय पर हीट वेव की चेतावनी और एडवाइजरी जारी करता है।रेड, ऑरेंज और येलो अलर्ट के माध्यम से लोगों को पहले से सतर्क किया जाता है।