पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ईरान के परमाणु ठिकानों को उड़ाने की धमकी पर तेहरान भड़क उठा है। ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी फार्स न्यूज ने इस बयान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि अमेरिका को अब धमकी भरे रवैये को त्याग देना चाहिए।
ईरान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा,
"अगर अमेरिका वास्तव में कूटनीतिक हल चाहता है, तो उसे धमकियों और दबाव की नीति छोड़नी होगी। इस तरह की भाषा से तनाव और बढ़ेगा, समाधान नहीं मिलेगा।"
हाल ही में व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा:
"मैं चाहता हूं कि नया परमाणु समझौता इतना कड़ा हो कि हम निरीक्षकों को किसी भी समय, कहीं भी भेज सकें – और अगर ऐसा नहीं हुआ तो हमें उनकी परमाणु साइट्स को नष्ट करना पड़ेगा।"
यह बयान तुरंत अंतरराष्ट्रीय मीडिया और पश्चिम एशियाई राजनीति में बहस का विषय बन गया।
गौरतलब है कि इससे पहले सऊदी अरब के रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद बिन सलमान ने भी ईरान को क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा बताया था और चेतावनी दी थी कि अगर ईरान ने अपनी नीति में बदलाव नहीं किया तो कड़ा जवाब दिया जाएगा।ईरान और अमेरिका के बीच तनाव कोई नया नहीं है, लेकिन ट्रंप की तरफ से परमाणु हमले जैसी बयानबाज़ी और ईरान की तीखी प्रतिक्रिया एक बार फिर बताती है कि हालात बेहद संवेदनशील हैं। क्षेत्रीय ताकतें जैसे सऊदी अरब भी इस खींचतान में अपनी स्थिति स्पष्ट कर रही हैं।