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Labour Day 2025: भारत में कब हुई मजदूर दिवस की शुरुआत? जानें इतिहास और इस साल की थीम

Jyoti
Jyoti  @jy0384748
Created At - 2025-04-30

International Labour Day 2025: मजदूर दिवस का महत्व, इतिहास और इस साल की थीम

मजदूर दिवस श्रमिकों के संघर्ष, उनके अधिकारों और योगदान को सम्मानित करने का एक महत्वपूर्ण दिन है। यह दिन उन सभी मेहनतकश लोगों के लिए समर्पित है, जो अपनी कठिन मेहनत से समाज के जीवन को बेहतर बनाते हैं। हर साल 1 मई को मनाया जाने वाला मजदूर दिवस श्रमिकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने का अवसर प्रदान करता है।

मजदूर दिवस कब मनाया जाता है?

मजदूर दिवस हर साल 1 मई को मनाया जाता है, यह दिन श्रमिकों और मेहनतकश लोगों के योगदान को सम्मान देने के लिए समर्पित है।

मजदूर दिवस का इतिहास

मजदूर दिवस की शुरुआत 1886 में अमेरिका के शिकागो शहर से हुई थी। इस दिन को मनाने की मांग उस समय उठी जब मजदूर अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर उतर आए थे। हालांकि, 1889 में मजदूर दिवस को आधिकारिक रूप से मनाने का निर्णय लिया गया।

मजदूर दिवस क्यों मनाते हैं?

1886 से पहले अमेरिका में मजदूरों ने अपनी कार्य अवधि को कम करने के लिए संघर्ष किया था। उस दौर में मजदूरों को 15-15 घंटे काम करना पड़ता था। आंदोलन के दौरान पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में कई श्रमिकों की जान चली गई और कई घायल हुए।

मजदूरों की कार्य अवधि कम करने की मांग

1889 में अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन में यह तय किया गया कि मजदूरों की कार्य अवधि 8 घंटे होगी, और उसी दिन को मजदूर दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव रखा गया। इसके बाद, यह नियम दुनिया के कई देशों में लागू हुआ।

भारत में मजदूर दिवस की शुरुआत

भारत में मजदूर दिवस की शुरुआत 1923 में हुई थी। इस दिन की शुरुआत चेन्नई में कम्युनिस्ट नेता सिंगारवेलु चेट्टियार ने की थी, जिन्होंने मद्रास हाई कोर्ट के सामने पहली बार मजदूर दिवस की सभा आयोजित की और मजदूरों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई।

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