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लालू यादव की कहानी: जब पुलिस की नौकरी छूटी और राजनीति में छा गए

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Created At - 2025-06-11

किस्सा: जब पुलिस भर्ती से चूक गए लालू, और बन बैठे राजनीति के चाणक्य

लालू प्रसाद यादव, जिनका नाम बिहार की राजनीति में हमेशा विशेष सम्मान के साथ लिया जाता है, कभी पुलिस की वर्दी पहनने की सोच रखते थे। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था। एक मामूली चूक ने उनकी राह बदल दी, और आगे चलकर वे न सिर्फ बिहार के मुख्यमंत्री बने, बल्कि भारतीय राजनीति में एक मज़बूत पहचान भी कायम की।

छात्र राजनीति से शुरू हुआ सफर

लालू यादव का छात्र जीवन काफी सक्रिय था। उन्होंने छात्र राजनीति में हिस्सा लेना शुरू किया और वहीं से उनका राजनीतिक सफर शुरू हुआ। जब वे पटना विश्वविद्यालय में पढ़ रहे थे, तभी वे छात्र नेता के रूप में चर्चित हो गए थे।

पुलिस भर्ती का सपना और फेल्योर

कभी लालू यादव ने पुलिस कांस्टेबल की भर्ती के लिए आवेदन दिया था, लेकिन समय पर इंटरव्यू नहीं दे सके। यह एक ऐसा मोड़ था जिसने उनकी पूरी ज़िंदगी की दिशा बदल दी। अगर वे उस दिन इंटरव्यू दे पाते, तो शायद आज वे एक पुलिसकर्मी होते, न कि देश के सबसे चर्चित नेताओं में से एक।

बिहार की राजनीति को दी नई दिशा

लालू यादव ने राजनीति में पिछड़े वर्गों, दलितों और गरीबों के लिए आवाज़ उठाई। उन्होंने सामाजिक न्याय को अपना एजेंडा बनाया और 'मंडल राजनीति' का एक बड़ा चेहरा बनकर उभरे। उनकी शैली आम जनता से सीधे जुड़ती थी – बेबाक अंदाज़, चुटीले संवाद और ज़मीन से जुड़ी सोच ने उन्हें जनता का नेता बना दिया।

78वें जन्मदिन पर विशेष तैयारियां

चुनावी साल में लालू यादव के 78वें जन्मदिन को आरजेडी (RJD) खास अंदाज़ में मना रही है। पार्टी ने दलित, वंचित और गरीब तबके के लोगों के साथ कार्यक्रम आयोजित कर एक सामाजिक संदेश देने की योजना बनाई है।

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