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महाकुंभ 2025 भगदड़: अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर साधा निशाना, जनता से की अहम अपील

Jyoti
Jyoti  @jy0384748
Created At - 2025-01-29

महाकुंभ भगदड़: अखिलेश यादव :-  समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। कन्नौज सांसद ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को दुखद बताते हुए श्रद्धालुओं के प्रतिभ प्रति्रतिभ संवेदना व्यक्त की और सरकार से कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने की अपील की।

अखिलेश यादव की पांच प्रमुख मांगें:

  1. गंभीर रूप से घायलों को त्वरित चिकित्सा उपलब्ध कराई जाए – सरकार को चाहिए कि वे एअर एंबुलेंस की सहायता से घायलों को निकटतम और बेहतरीन अस्पतालों तक पहुंचाकर तुरंत इलाज सुनिश्चित करे।
  2. मृतकों के पार्थिव शरीर उनके परिजनों तक पहुंचाए जाएं – प्रशासन को शवों की पहचान कराकर उन्हें परिवारों को सौंपने और उनके निवास स्थान तक भिजवाने की व्यवस्था करनी चाहिए।
  3. बिछड़े लोगों को मिलाने के प्रयास तेज किए जाएं – जिन श्रद्धालुओं का उनके परिवार से संपर्क टूट गया है, उन्हें जल्द से जल्द मिलाने के लिए विशेष इंतजाम किए जाएं।
  4. हेलीकॉप्ट और के जरिये निगरानी बढ़ाई जाए – दुर्घटनाओं को रोकने और कुंभ मेले की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए हेलीकॉप्टर से निगरानी रखी जाए।
  5. ‘शाही स्नान’ की परंपरा निर्बाध रूप से जारी रहे – मौनी अमावस्या के शाही स्नान को सुरक्षित और सुव्यवस्थित तरीके से संपन्न कराने की व्यवस्था की जाए ताकि सदियों पुरानी यह परंपरा बनी रहे।

श्रद्धालुओं से संयम रखने की अपील

अखिलेश यादव ने कुंभ में मौजूद श्रद्धालुओं से भी अनुरोध किया कि वे इस कठिन समय में संयम और धैर्य बनाए रखें तथा शांति से अपनी तीर्थयात्रा पूरी करें। उन्होंने सरकार से यह भी आग्रह किया कि वह इस घटना से सीख लेते हुए श्रद्धालुओं के ठहरने, भोजन-पानी और अन्य आवश्यक सुविधाओं के लिएलिए अतिरिक्त इंतजाम करे। उन्होंने सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की।

अखाड़ों के स्नान को लेकर असमंजस

अखाड़ों के शाही स्नान को लेकर स्थिति अभी भी स्पष्ट नहीं है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने हादसे के बाद सुबह यह कहा था कि स्नान रद्द कर दिया गया है। हालांकि, बाद में उन्होंने बयान बदलते हुए कहा कि अखाड़े स्नान करेंगे और इस बारे में सरकार से बातचीत चल रही है।

कुंभ में स्नान की परंपरा और सुरक्षा निर्देश

महाकुंभ मेले की परंपरा के अनुसार, संन्यासी, बैरागी और उदासीन अखाड़े भव्य जुलूस के साथ संगम तट पर पहुंचकर एक निर्धारित क्रम में अमृत स्नान करते हैं। इस क्रम में पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी सबसे पहले स्नान करता है।

इस बीच, कुंभ मेला प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए पहले ही परामर्श जारी किया था। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (कुंभ) राजेश द्विवेदी ने अपील की थी कि सभी घाट संगम घाट माने जाएं और जहां भी श्रद्धालु पहुंचें, वहीं स्नान करें। उन्होंने लोगों से अफवाहों से बचने की भी सलाह दी थी।

गौरतलब है कि मौनी अमावस्या से एक दिन पहले, मंगलवार रात 8 बजे तक लगभग 4.83 करोड़ श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके थे। इससे पहले मकर संक्रांति पर 3.5 करोड़, जबकि पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ लोगों ने डुबकी लगाई थी।

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