नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद देश की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर केंद्र सरकार सतर्क हो गई है। इसी कड़ी में गृह मंत्रालय (MHA) ने 7 मई, बुधवार को देश के सभी 244 नागरिक सुरक्षा जिलों में मॉक ड्रिल आयोजित करने का आदेश जारी किया है।
यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठकों के बाद लिया गया है। इन बैठकों में भारत की सुरक्षा तैयारियों और जवाबी रणनीतियों पर चर्चा हुई थी। इस दौरान पाकिस्तान द्वारा लगातार मिसाइल परीक्षण किए जाने और "Exercise INDUS" के तहत दो दिन में दो बार मिसाइल परीक्षण करने से भी स्थिति और संवेदनशील हो गई है। डायरेक्टरेट जनरल फायर सर्विस, सिविल डिफेंस और होम गार्ड्स की ओर से जारी पत्र में कहा गया:
“वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य में नए और जटिल खतरे उभरे हैं। ऐसे में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को हर समय नागरिक सुरक्षा की पूरी तैयारी रखनी होगी।”
इस अभ्यास में निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान दिया जाएगा:
एयर रेड वॉर्निंग सिस्टम की प्रभावशीलता की जांच
इंडियन एयरफोर्स से हॉटलाइन/रेडियो कनेक्शन की टेस्टिंग
मुख्य और शैडो कंट्रोल रूम की सक्रियता का परीक्षण
नागरिकों, छात्रों को आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने का प्रशिक्षण
जरूरी प्रतिष्ठानों की ब्लैकआउट व कैमुफ्लाज व्यवस्था
नागरिक सुरक्षा सेवाओं जैसे वॉर्डन सेवा, अग्निशमन, रेस्क्यू ऑपरेशन आदि की प्रतिक्रिया क्षमता
निकासी योजनाओं की तैयारी और उनके क्रियान्वयन का आकलन
इस ड्रिल की सबसे खास बात यह है कि इसे केवल शहरों तक सीमित न रखते हुए गांव स्तर तक पहुंचाने की योजना है। इसमें जिला प्रशासन, स्थानीय अधिकारी, सिविल डिफेंस वॉर्डन, एनसीसी, एनएसएस, नेहरू युवा केंद्र, स्कूल-कॉलेज के छात्र और होम गार्ड्स की सक्रिय भागीदारी होगी। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और आतंकी खतरे के बीच यह मॉक ड्रिल न केवल सुरक्षा तंत्र की ताकत को परखने का मौका है, बल्कि यह नागरिकों को भी सतर्क और तैयार रखने की दिशा में अहम कदम है। आने वाले समय में ऐसी तैयारियां देश को हर संभावित खतरे के लिए तैयार रखेंगी।