भारतीय रसोई में उपयोग होने वाला मसाला दालचीनी (Cinnamon) केवल स्वाद और सुगंध बढ़ाने के लिए ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य लाभों की दृष्टि से भी बेहद प्रभावशाली है। जब इसे चाय के रूप में लिया जाता है, तो इसके फायदे और भी अधिक बढ़ जाते हैं।
दालचीनी की चाय को आयुर्वेद में विशेष स्थान प्राप्त है क्योंकि यह एक ही समय में पाचन, प्रतिरक्षा, ब्लड शुगर और हृदय स्वास्थ्य को संतुलित करने में मदद करती है।
दालचीनी में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो गैस, कब्ज, एसिडिटी जैसी समस्याओं को दूर करने में सहायक होते हैं। रोजाना सुबह खाली पेट दालचीनी की चाय पीने से पेट साफ रहता है और भूख भी नियंत्रित होती है।
इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स और एंटी-वायरल गुण शरीर को संक्रमण से बचाने में मदद करते हैं। बदलते मौसम में यह चाय रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाती है और सर्दी-जुकाम से राहत दिलाती है।
डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए दालचीनी की चाय फायदेमंद मानी जाती है क्योंकि यह शरीर में इंसुलिन की संवेदनशीलता को बेहतर बनाती है और शुगर के स्तर को नियंत्रित रखती है।
दालचीनी शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में मदद करती है। साथ ही, यह ब्लड प्रेशर को संतुलित रखती है जिससे हृदय रोगों का खतरा घटता है।
दालचीनी चाय मेटाबॉलिज्म को तेज करती है और शरीर में फैट जमा होने की प्रक्रिया को धीमा करती है। यह भूख को भी नियंत्रित करती है जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है।
दालचीनी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो शरीर के अंदर की सूजन और जोड़ों के दर्द में राहत पहुंचाते हैं।