भारत की खुफिया एजेंसी RAW को लेकर एक बड़ा राजनीतिक विवाद सामने आया है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक चौंकाने वाला दावा करते हुए कहा है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने पाकिस्तान को RAW एजेंट्स की जानकारी दी थी, जिससे कई जासूसों की जान चली गई।
पवन खेड़ा ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के पुराने बयान का हवाला देते हुए यह गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जयशंकर ने एक सार्वजनिक मंच पर स्वीकार किया था कि मोरारजी देसाई ने पाकिस्तानी सैन्य तानाशाह जनरल ज़िया उल हक को RAW की मौजूदगी और गतिविधियों के बारे में बता दिया था।
खेड़ा के अनुसार, “इस जानकारी के बाद RAW के कई जासूस या तो मारे गए, या फिर गायब हो गए। ये कोई भूल नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय पाप था।”
पवन खेड़ा ने बीजेपी को घेरते हुए कहा कि जो लोग देशभक्ति की बात करते हैं, उन्हें पहले अपने इतिहास को देखना चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार पर यह आरोप भी लगाया कि वह विपक्ष की आलोचना में व्यस्त रहती है, लेकिन ऐसे गंभीर मुद्दों पर चुप्पी साध लेती है।
यह दावा पहले भी कई बार अर्ध-सार्वजनिक चर्चाओं में आया है, लेकिन किसी सरकार ने इसे आधिकारिक रूप से स्वीकार नहीं किया। पवन खेड़ा के दावे से एक बार फिर यह मुद्दा सुर्खियों में आ गया है।
अगर यह आरोप सही है, तो यह देश की सुरक्षा व्यवस्था और खुफिया संचालन के लिए बेहद चिंताजनक मामला है। यह सवाल उठता है कि क्या देश के शीर्ष पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा खुफिया जानकारी साझा करना राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में नहीं आता?