नई दिल्ली: राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET UG 2025) रविवार 4 मई को 22.7 लाख छात्रों के लिए आयोजित की गई। परीक्षा के तुरंत बाद छात्रों और कोचिंग एक्सपर्ट्स से जो प्रतिक्रियाएं सामने आईं, उनके मुताबिक इस बार का पेपर पिछले वर्षों की तुलना में अधिक कठिन और विश्लेषणात्मक रहा।
सबसे ज्यादा चर्चा फिजिक्स सेक्शन को लेकर रही, जिसे छात्रों ने "सबसे कठिन" करार दिया। सवाल ज्यादातर फार्मूला-बेस्ड थे, लेकिन एक से ज़्यादा स्टेप्स की मांग करते थे। कई सवालों में दो या दो से अधिक अध्यायों की समझ को जोड़ना ज़रूरी था। ALLEN करियर इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर डॉ. ब्रजेश महेश्वरी के अनुसार, "इस बार के कठिन स्तर से टॉप स्कोरर की संख्या पर असर पड़ सकता है।" वहीं, मोशन एजुकेशन के सीईओ नितिन विजय ने कहा, "इस बार NTA ने केवल चार पेपर सेट दिए और सभी सेट समान रूप से कठिन थे।"
केमिस्ट्री सेक्शन में मल्टी-करेक्ट ऑप्शन वाले सवालों ने छात्रों को भ्रमित किया। ऑर्गेनिक और फिजिकल केमिस्ट्री से ज्यादा सवाल पूछे गए, खासकर कक्षा 12 के पाठ्यक्रम से। इस खंड में थ्योरी अपेक्षाकृत आसान रही लेकिन एप्लिकेशन-बेस्ड सवालों ने लेवल को मध्यम से कठिन की श्रेणी में ला दिया। Aakash Educational Services के मेडिकल डायरेक्टर नवीन कार्की ने कहा, "सवालों की विविधता और स्टेटमेंट-बेस्ड, मैट्रिक्स मैच टाइप प्रश्नों ने सेक्शन को समय-खपत बना दिया।"
बायोलॉजी सेक्शन हालांकि कठिन नहीं था, लेकिन काफी लंबा था। सवालों की भाषा थोड़ी घुमा-फिराकर रखी गई थी और हर सवाल को ध्यान से पढ़ना जरूरी था। इससे समय प्रबंधन चुनौती बन गया, भले ही छात्र विषय में मजबूत हों। बायोलॉजी के अधिकांश सवाल एनसीईआरटी की किताबों पर आधारित थे, जिसमें कुछ सवाल परिचयात्मक अंशों और वैज्ञानिकों की प्रोफाइल से लिए गए थे। विषयवस्तु में कक्षा 12 का अधिक वर्चस्व रहा।
विशेषज्ञों का मानना है कि फिजिक्स की कठिनाई इस वर्ष कट-ऑफ को प्रभावित कर सकती है, खासकर सरकारी मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए। हालांकि बायोलॉजी और केमिस्ट्री के संतुलित स्तर से छात्रों को कुछ राहत जरूर मिलेगी।