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पाकिस्तान को बड़ा झटका: पहलगाम हमले के बाद भारत ने लिए पांच कड़े फैसले

Jyoti
Jyoti  @jy0384748
Created At - 2025-04-23

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की कड़ी प्रतिक्रिया

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता के प्रमाण मिलने के बाद भारत ने बुधवार (23 अप्रैल, 2025) को प्रधानमंत्री आवास पर हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में पांच बड़े फैसले लिए।


विदेश सचिव विक्रम मिस्री का बयान

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस को जानकारी दी कि CCS बैठक में हमले की कड़ी निंदा की गई और भारत-पाकिस्तान सीमा संबंधों पर चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि भारत ने निम्नलिखित निर्णायक कदम उठाए हैं:


भारत के 5 बड़े फैसले:

1. सिंधु जल संधि पर रोक

1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया है। यह तब तक लागू नहीं होगी जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद के लिए अपना समर्थन स्थायी रूप से समाप्त नहीं करता।


2. अटारी बॉर्डर सील

अटारी चेक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। जो लोग वैध दस्तावेजों के साथ आए हैं, उन्हें 1 मई 2025 से पहले उसी मार्ग से वापसी की अनुमति होगी।


3. वीजा और यात्रा प्रतिबंध

  • सार्क वीजा छूट योजना (SVES) के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को भारत की यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी।
  • पहले से जारी SVES वीजा रद्द माने जाएंगे।
  • भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है।

4. पाक उच्चायोग में कटौती और निष्कासन

  • नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया गया है।
  • उन्हें 1 सप्ताह के भीतर भारत छोड़ना होगा।
  • उच्चायोग के स्टाफ की संख्या 55 से घटाकर 30 कर दी गई है।

5. इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अधिकारी वापस

  • भारत, पाकिस्तान में स्थित अपने उच्चायोग से रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा।
  • इन पदों को अब से निरस्त माना जाएगा।

CCS की सुरक्षा समीक्षा और आगे की रणनीति

विदेश सचिव ने बताया कि CCS ने देशभर में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की और सभी सुरक्षा एजेंसियों को उच्च सतर्कता बनाए रखने का निर्देश दिया है।
सरकार ने यह भी कहा है कि:

  • हमले के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।
  • प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया जाएगा।
  • भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकियों और उनके समर्थकों की तलाश करता रहेगा, जैसे हाल ही में तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण का मामला।
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