पाकिस्तान सरकार ने अपने सेना प्रमुख जनरल असीम मुनिर को देश की सेना का सर्वोच्च सैन्य पद 'फील्ड मार्शल' प्रदान किया है। यह निर्णय प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया, जिसमें राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को भी इस फैसले की जानकारी दी गई।
फील्ड मार्शल का पद पाकिस्तान सेना में सर्वोच्च होता है, जो सेना के संचालन, नियंत्रण और प्रशासन के लिए जिम्मेदार होता है। यह पद सेना प्रमुख को प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति का प्रमुख सैन्य सलाहकार भी बनाता है।
इससे पहले, 1959 में तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल अयूब खान ने स्वयं को फील्ड मार्शल घोषित किया था। असीम मुनिर इस पद को प्राप्त करने वाले दूसरे अधिकारी हैं।
यह पदोन्नति ऐसे समय में हुई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव देखा गया है। भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे। इसके बाद, पाकिस्तान द्वारा ड्रोन और मिसाइल हमलों की कोशिशों को भारतीय सेना ने नाकाम किया।
इन घटनाओं के बाद, दोनों देशों ने 10 मई को संघर्ष विराम पर सहमति जताई। भारत ने स्पष्ट किया कि सैन्य कार्रवाई बंद होगी, लेकिन इस्लामाबाद के साथ कोई कूटनीतिक वार्ता नहीं होगी।
जनरल असीम मुनिर की पदोन्नति को पाकिस्तान की सैन्य रणनीति में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जो देश की सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।
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