पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची में सोमवार देर रात एक भयंकर घटना सामने आई, जिसने सुरक्षा तंत्र और जेल व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। कराची की मालिर जिला जेल, जिसे आम तौर पर ‘बच्चा जेल’ के नाम से भी जाना जाता है, वहां से 216 कैदी भूकंप के समय मची अफरातफरी का फायदा उठाकर फरार हो गए।
इस पूरी घटना की शुरुआत उस वक्त हुई जब कराची में देर रात हल्के से मध्यम तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की वजह से जेल परिसर में भगदड़ मच गई। कैदियों ने मौके का फायदा उठाते हुए जेल के मुख्य गेट और दीवारों की ओर धावा बोल दिया।
जेल में मौजूद सुरक्षाकर्मी इस आकस्मिक स्थिति के लिए पूरी तरह तैयार नहीं थे, जिससे कैदियों को जेल से भागने में सफलता मिल गई।
जेल के अंदर और आसपास भारी गोलीबारी की खबरें भी सामने आई हैं। सुरक्षाबलों ने भागते हुए कैदियों को रोकने के लिए गोलियां चलाईं, जिससे आस-पास के रिहायशी इलाकों में दहशत का माहौल बन गया।
इस गोलीबारी में कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई है, जिसकी पहचान अभी स्पष्ट नहीं हुई है – वो जेल स्टाफ था या कैदी, इसकी जांच जारी है।
घटना के तुरंत बाद, पुलिस और रेंजर्स ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी।मालिर हाईवे समेत सभी मुख्य सड़कें सील कर दी गईं।आसपास के गांवों और इलाकों में तलाशी अभियान चलाया गया।हेलीपैड से लेकर पैदल दस्तों तक – हर तरीके से तलाशी अभियान को अंजाम दिया गया।अब तक की जानकारी के अनुसार, 80 फरार कैदियों को दोबारा पकड़ लिया गया है, जबकि बाकी की तलाश अभी भी जारी है।
अभी तक सामने आई जानकारी के अनुसार, फरार हुए कैदी सामान्य अपराधों से लेकर संगीन मामलों तक में जेल में बंद थे। इनमें कई नाबालिग अपराधी भी शामिल थे, क्योंकि मालिर जेल को ‘बच्चा जेल’ के नाम से भी जाना जाता है।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इनमें से कुछ कैदी ऐसे भी हैं जिनका संबंध अपराधी गिरोहों या आतंकी संगठनों से हो सकता है। इस एंगल से भी जांच की जा रही है।