देश में कोविड-19 संक्रमण के मामले फिर से तेजी से बढ़ने लगे हैं, जिससे स्वास्थ्य अधिकारियों और सरकार की चिंता बढ़ गई है। देशभर में सक्रिय कोविड मामलों की संख्या 7,121 तक पहुंच चुकी है। इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने एक अहम फैसला लिया है, जिसके तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने वाले सभी मंत्रियों को उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए RTPCR टेस्ट कराना अनिवार्य कर दिया गया है।
यह निर्णय खास तौर पर तब आया है जब कल शाम प्रधानमंत्री मोदी से उनके आधिकारिक आवास 7, लोक कल्याण मार्ग पर विदेश से लौटे डेलिगेशन के सदस्यों ने मुलाकात की थी। विदेश से लौटे लोगों के संपर्क में आने के कारण कोविड संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए सुरक्षा और संक्रमण की संभावनाओं को कम करने के लिए इस तरह की सख्ती लागू की गई है।
भारत में कोविड केसों में फिर से तेजी देखी जा रही है। कई राज्यों में संक्रमण की संख्या बढ़ रही है, जिससे स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है। हालांकि दिल्ली में संक्रमण की दर अभी स्थिर है और वहां मामूली राहत के संकेत मिल रहे हैं, लेकिन देश के अन्य हिस्सों में मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से कोविड-19 की सावधानियां बरतने, मास्क लगाने, सामाजिक दूरी बनाए रखने और वैक्सीनेशन को पूरा करने की अपील की है। इसके साथ ही भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचने की सलाह दी जा रही है।
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) और स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी मंत्री, जो पीएम से मुलाकात करेंगे, उन्हें अनिवार्य रूप से RTPCR टेस्ट कराना होगा, चाहे वे किसी भी स्थिति में हों। यह कदम संक्रमण की रोकथाम और सुरक्षित माहौल बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
इसके अलावा, मंत्रियों को व्यक्तिगत सुरक्षा उपायों को गंभीरता से अपनाने, हाथ धोने, सैनिटाइजेशन और मास्क पहनने के नियमों का सख्ती से पालन करने को कहा गया है। सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि उच्चस्तरीय बैठकें और सरकारी कार्य पूरी तरह सुरक्षित माहौल में हों।
सरकार ने आम जनता से भी आग्रह किया है कि वे कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें और कोविड वैक्सीन की बूस्टर डोज़ समय पर लगवाएं। सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना, और भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचना जरूरी है ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
विशेषज्ञों का भी कहना है कि कोविड महामारी अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है और नए वेरिएंट्स के कारण संक्रमण की लहरें फिर से आ सकती हैं। इसलिए सतर्क रहना और सावधानी बरतना अब भी आवश्यक है।