जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद पूरे देश में आक्रोश का माहौल बन गया है। आम नागरिकों से लेकर राजनीतिक हस्तियों तक, हर कोई पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहा है। पूरा राष्ट्र एकजुट होकर सरकार से यह अपील कर रहा है कि अब समय आ गया है जब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) को भारत में शामिल किया जाए।
भारत की सख्त नीति से पाकिस्तान में बेचैनी देखी जा रही है। इसी के तहत पीओके प्रशासन ने नियंत्रण रेखा के पास रहने वाले नागरिकों से दो महीने के लिए खाद्य सामग्री और आवश्यक वस्तुओं का भंडारण करने की सलाह दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, पीओके के प्रधानमंत्री ने विधानसभा में कहा कि 13 निर्वाचन क्षेत्रों में दो महीने की खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
इन 13 क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए एक अरब रुपये का आपातकालीन कोष भी स्थापित किया गया है। साथ ही, नियंत्रण रेखा के पास स्थित क्षेत्रों में सड़कों की मरम्मत के लिए सरकारी और निजी मशीनरी को तैनात किया जा रहा है।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने हाल ही में दावा किया कि उनके पास ऐसे प्रमाण हैं जो संकेत देते हैं कि भारत किसी बड़े अभियान की तैयारी कर रहा है। इसी भय के कारण 1 मई 2025 को पीओके में प्रशासन ने 10 दिनों के लिए 1000 से अधिक मदरसों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। बता दें कि 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए हमले में 26 लोगों की जान गई थी और कई घायल हुए थे। इसके बाद भारत ने न केवल आतंकियों को, बल्कि उन्हें शरण देने वालों को भी खत्म करने की कसम खाई है।