गर्भावस्था के दौरान शरीर में खून और फ्लूड की मात्रा बढ़ जाती है ताकि माँ और बच्चे की ज़रूरतें पूरी हो सकें। यही अतिरिक्त तरल हाथों और पैरों में इकट्ठा होकर सूजन (swelling) का कारण बनता है। इसे मेडिकल भाषा में एडिमा (Edema) कहा जाता है।
गर्भवती महिलाओं में ज्यादातर सूजन पैरों, टखनों, पंजों और कभी-कभी हाथों में दिखती है। कभी-कभी चेहरे पर भी हल्की सूजन हो सकती है।
अगर सूजन हल्की है और धीरे-धीरे बढ़ रही है तो ये आम बात है। लेकिन अगर सूजन अचानक बहुत बढ़ जाए, खासकर चेहरे और आंखों के आसपास, या एक पैर में ज्यादा हो — तो ये हाई ब्लड प्रेशर या प्री-एक्लेम्पसिया का संकेत हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर से तुरंत सलाह लें।
पैर ऊपर रखकर बैठें: जब भी आराम करें, पैरों को तकिए पर रखकर थोड़ा ऊँचा रखें।
ढीले-ढाले कपड़े पहनें: टाइट कपड़े ब्लड सर्कुलेशन को रोक सकते हैं, जिससे सूजन बढ़ सकती है।
नमक का सेवन कम करें: ज्यादा नमक शरीर में पानी रोकता है, जिससे सूजन होती है।
हल्का वॉक करें: रोज़ थोड़ी देर टहलने से शरीर में ब्लड फ्लो अच्छा होता है।
ठंडे पानी से सिकाई करें: टॉवल में बर्फ लपेटकर सूजे हिस्से पर रखें, राहत मिलेगी।
पानी खूब पिएं: ज्यादा पानी पीने से शरीर से विषैले पदार्थ निकलते हैं और सूजन कम होती है।
अगर सूजन बहुत तेज़ी से बढ़ रही हो
सांस लेने में तकलीफ हो
पेशाब कम हो रहा हो
सिरदर्द या धुंधला दिखना शुरू हो जाए
तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।