ओमकारा (2006) में सैफ अली खान ने 'लंगड़ा त्यागी' जैसा किरदार निभाया, जो आज भी उनकी सबसे दमदार भूमिकाओं में गिना जाता है। इस रोल के लिए उन्होंने न सिर्फ अपने लुक में भारी बदलाव किया, बल्कि पूरी बॉडी लैंग्वेज, बोलने का अंदाज़ और हावभाव भी बदल दिए थे।
सैफ ने इस किरदार को जीवंत करने के लिए अपने लंबे बाल तक कटवा लिए — ये फैसला उन्होंने खुद लिया ताकि किरदार और अधिक रियल लगे।
इस लुक ट्रांसफॉर्मेशन का असर सिर्फ ओमकारा तक नहीं रहा। दरअसल, उस वक्त सैफ एक और फिल्म कर रहे थे, जो सिद्धार्थ आनंद के निर्देशन में बन रही थी।
सैफ का हेयरकट उस फिल्म के लुक से मेल नहीं खा रहा था, जिससे डायरेक्टर सिद्धार्थ आनंद काफी नाखुश हो गए।
सैफ ने एक इंटरव्यू में हँसते हुए बताया कि सिद्धार्थ ने उनसे कहा – “तुमने अपने बाल क्यों कटवा लिए? अब तुम पिछली सीनों में वैसे नहीं दिखोगे!”
ये एक क्लासिक केस था जहां एक एक्टर को दो फिल्मों के लुक्स को बैलेंस करना पड़ा।
जहाँ ‘ओमकारा’ में सैफ को एक रफ, खतरनाक गैंगस्टर की तरह दिखना था, वहीं दूसरी फिल्म में उनका एक स्मार्ट, रोमांटिक हीरो जैसा लुक होना था।
इसी विरोधाभास की वजह से सिद्धार्थ आनंद की नाराज़गी सामने आई थी।
इंटरव्यू में सैफ ने यह भी बताया कि उनकी मां शर्मिला टैगोर ने कहा – “तुम हर फिल्म में एकदम अलग इंसान लगते हो!”
उनके को-स्टार जयदीप अहलावत ने भी 'लंगड़ा त्यागी' वाले लुक की तारीफ की थी और कहा था कि वो रोल आज भी कई एक्टर्स के लिए इंस्पिरेशन है।
सैफ ने बार-बार दिखाया है कि वो अपने किरदारों के लिए कितने समर्पित हैं।
चाहे ‘हम तुम’ का रोमांटिक अवतार हो या ‘ओमकारा’ का हिंसक विलेन – सैफ हर बार खुद को रीइन्वेंट करते हैं।
उनका यह लुक बदलने वाला फैसला, भले ही एक फिल्म के डायरेक्टर को पसंद न आया हो, लेकिन सिनेमाई इतिहास में एक यादगार किरदार बन गया।
सैफ अली खान के ‘लंगड़ा त्यागी’ अवतार के पीछे सिर्फ एक्टिंग नहीं, बल्कि कड़ी मेहनत और बोल्ड फैसलों की कहानी छुपी है।
इस घटना से यह भी समझ में आता है कि एक किरदार में ढलने के लिए कभी-कभी कलाकारों को दूसरे प्रोजेक्ट्स के साथ टकराव झेलना पड़ता है।