नई दिल्ली: भारत के न्यायिक इतिहास में सोमवार को एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया को पूरी तरह सार्वजनिक करने का निर्णय लिया है। अब आम नागरिक भी यह जान सकेंगे कि किसी जज की नियुक्ति कैसे होती है, किसकी सिफारिश पर, और क्या उसका संबंध किसी वर्तमान या पूर्व न्यायाधीश से है।
सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर अब यह पूरी जानकारी उपलब्ध है:
सुप्रीम कोर्ट ने अपने प्रेस नोट में स्पष्ट किया कि यह निर्णय "जनता की जानकारी और जागरूकता के उद्देश्य से लिया गया है।" यह पारदर्शिता न्यायिक प्रणाली में विश्वास को और मज़बूत करेगी। जल्द होगी संपत्ति की जानकारी भी सार्वजनिक। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने यह भी बताया है कि न्यायाधीशों की संपत्ति का विवरण भी वेबसाइट पर जल्द अपलोड किया जाएगा। जो विवरण पहले से प्राप्त हो चुके हैं, उन्हें अपलोड किया जा रहा है, बाकी जैसे-जैसे मिलते जाएंगे, वैसे वैसे जोड़े जाएंगे। यह कदम न केवल न्यायिक प्रणाली को अधिक पारदर्शी बनाएगा, बल्कि जजों की नियुक्ति प्रक्रिया पर वर्षों से उठते रहे सवालों का भी एक उत्तर है। सुप्रीम कोर्ट का यह प्रयास न्यायपालिका की विश्वसनीयता को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।