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Surya Grahan 2025: ग्रहण के दौरान तुलसी से जुड़े इन नियमों का पालन करें, बचेंगे नकारात्मक प्रभाव से

Jyoti
Jyoti  @jy0384748
Created At - 2025-03-28

शनि अमावस्या के दिन लगने जा रहा है सूर्य ग्रहण

इस दिन शनि देव भी करने जा रहे हैं राशि परिवर्तन। अशुभ परिणामों से बचाएंगे तुलसी के उपाय।

सूर्य ग्रहण और शनि अमावस्या का संयोग

शनिवार, 29 मार्च 2025 को शनि अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2025) लगने जा रहा है। इस दिन शनि देव भी राशि परिवर्तन करेंगे। हालांकि, यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन फिर भी कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी हैं।

तुलसी का महत्व ग्रहण काल में क्यों बढ़ जाता है?

हिंदू शास्त्रों में वर्णन मिलता है कि ग्रहण की अवधि में सूतक काल के दौरान वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है, जिससे कुछ चीजें अशुद्ध मानी जाती हैं। तुलसी का पौधा हिंदू धर्म में अत्यंत पूजनीय और पवित्र माना जाता है। ग्रहण काल में भोजन में तुलसी के पत्ते डालने से उसका नकारात्मक प्रभाव कम हो जाता है, जिससे भोजन शुद्ध बना रहता है।

ग्रहण के बाद तुलसी का सेवन क्यों जरूरी है?

आयुर्वेद में तुलसी को औषधीय गुणों से भरपूर माना गया है। ग्रहण समाप्त होने के बाद तुलसी के पत्तों का सेवन करना न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से भी लाभकारी होता है।

ग्रहण के दौरान करें ये कार्य

  • भोजन को अपवित्र होने से बचाने के लिए उसमें तुलसी के पत्ते डालें।
  • ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करें और तुलसी के पत्तों का सेवन करें।

इन गलतियों से बचें

  • सूर्य ग्रहण के दिन तुलसी के पौधे में जल अर्पित न करें।

  • ग्रहण काल में तुलसी के पत्ते न तोड़ें। भोजन में डालने के लिए एक दिन पहले ही तुलसी के पत्ते तोड़कर रख लें।

शनि अमावस्या और सूर्य ग्रहण का यह संयोग विशेष माना जा रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी से जुड़े ये नियम अपनाने से अशुभ प्रभावों से बचा जा सकता है।

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